Tuesday, August 18, 2015

बच्चो का बिस्तर गीला करना दूर करे होमियोपैथी से

 बच्चो का बिस्तर गीला करना दूर करे होमियोपैथी से






अक्सर कुछ बच्चे सोते समय बिस्तर पर पेशाब कर देते है,जिसके कारण बहुत से माता-पिता परेशान  रहते है इस तकलीफ से पीडित बच्चो को कही बाहर ले जाने में भी उनको परेशानी होती हैं बारिश के दिनों में तो यह बहुत ही ज्यादा तकलीफदेय होता है कई बार माता-पिता इसके लिए बच्चो को सजा देते है सबके सामने अपमानित करते हैं ताकि बच्चे बिस्तर गीला न करे, परन्तु इन सब से बच्चे के मन में हीनभावना आ जाती है और उनका आत्मविश्वास कम हो जाता है माता-पिता स्वयं दुसरो के सामने शर्मिंदा होते हैं परन्तु इसमें न तो शर्मिंदा होने की जरुरत है न ही बच्चे को सजा देने की ,क्योकि बच्चा ये सब जान कर नहीं करता हैं आईये जानते है कि ये किस कारण से होता है, और इसको कैसे रोका जा सकता हैं.......




·       कारण.....



·       बच्चो के पेट में कीड़े होना.....बहुत से बच्चो के पेट में कीड़े होने के कारण बच्चा रात को सोते समय बिस्तर में पेशाब कर देता हैं




·       पारिवारिक इतिहास (family history).....कई बार बच्चे के माता-पिता में से किसी को ये समस्या रही होगी



·       हार्मोन्स की गड़बड़ी से



·       डायबिटीज (टाइप 1) के कारण



·       ब्लैडर(urinary-bladder) की मसल्स कमजोर होने के कारण



·       कब्ज के कारण



·       डर या तनाव के कारण



·       नींद में पेशाब करने के सपने देखने के कारण



·       किसी बीमारी के कारण



·       किसी दवा के साइड इफ़ेक्ट के कारण



·       गहरी नींद के कारण





सामान्यतः 3/4 वर्ष की आयु तक बच्चे बिस्तर गीला करते है तो नार्मल बात रहती है करीब 20% बच्चे इस उम्र तक बिस्तर गीला करते हैं, लेकिन यदि इससे बड़ी उम्र का बच्चा सोते समय बिस्तर गीला करता है तो उसका कारण देखना चाहिए  वैसे लडको में 12-13 वर्ष की उम्र तक पहुचने तक और लडकियों में पीरियड्स शुरू होने के बाद ये समस्या अपने आप ठीक हो जाती हैं, कुछ बच्चे पहली नींद में ही बिस्तर गीला करते है, तो कुछ आधी रात को जब गहरी  नींद में होते है, और कुछ बच्चे सुबह-सुबह की नींद में बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं कभी-कभी ये समस्या बुजुर्गो में भी देखने को मिलती हैं



होम्योपैथिक उपचार ......



होम्योपैथिक दवायों के द्वारा बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के रोग के कारण को दूर करके  बच्चो का सोते समय बिस्तर पर पेशाब करने  की समस्या को हमेशा के लिए ठीक किया जा सकता हैं.......




सीना (CINA) ……..



इस होम्योपेथिक दवा के रोगियों के पेट में अक्सर कीड़े हो जाते हैंछोटे बच्चो के पेट में कीड़े रहते है, जिसके कारण वो अक्सर बिस्तर में पेशाब कर देते हैं बहुत चिडचिडे और जिद्दी होते हैं बच्चे हमेशा नाक में खुजली करते रहते हैं सोते समय  दांत किटकिटाते हैं भूख बहुत ज्यादा लगती हैं बच्चा कभी सिरदर्द की शिकायत करता है, तो कभी पेटदर्द की मलद्वार (ANUS) में खुजली होती रहती हैं रोगी हमेशा मीठा खाने को मांगता हैं





क्रियोजोट(kreasote)......



बच्चा नींद में सोते समय पेशाब करने का सपना देखता हैं, और   सोते-सोते सच में बिस्तर में पेशाब कर देता हैं कई बार रोगी सिर्फ लेट कर ही पेशाब कर पाता हैं तब यह दवा उपयोगी हैं बच्चा पहली नींद में ही बिस्तर गीला कर देता हैं बच्चा बहुत जिद्दी होता है उसे सभी चीजे चाहिए होती हैं परन्तु देने पर फेक देता हैं




रस-टोक्स(RHUS-TOX)……



बच्चा  बैठे–बैठे या पहली नींद में ही बिस्तर में पेशाब कर देता हैं जिसमे काफी बदबू आती हैं बार-बार करवटे बदलता रहता हैं बैचेन रहता हैं




SEPIA(सीपिया)......



बिस्तर पर लेटते ही या कुछ देर में पहली नींद में ही पेशाब कर दे बच्चा चिडचिडा और जिद्दी होता हैं पेशाब बहुत ज्यादा मात्रा में होता हैंछोटी बच्चियों का बिस्तर गीला करना




कास्टीकम(CAUSTICUM)……



बच्चा पहली नींद में ही बिस्तर गीला कर देता हैं उसे पता तक नहीं चलता हैं कि उसने बिस्तर गीला किया हैं किसी ऑपरेशन के बाद ये तकलीफ ज्यादा होती हैं कई बार खांसते या छीकते समय भी थोडी सी यूरिन हो जाती हैं  बच्चा देर से चलना सीखता हैंकई बार बुजुर्गो को भी यह समस्या हो जाती है उनके लिए भी ये दवा  उपयोगी हैं




एक्विसिटम(EQUISETUM)….


बच्चा पेशाब करने के सपने देखता है या सपने में डर जाता हैं, और बिस्तर पर पेशाब कर देता हैं उसको रोज बिस्तर में पेशाब करने की आदत हो जाती हैं




स्टेफीसेंग्रिया (STAPHYSAGRIA).....



किसी ऑपरेशन के बाद बिस्तर पर पेशाब करना बार-बार यूरिन होबच्चा नर्वस रहता हैं चिडचिडा हो जाता हैं यूरिन के बाद जलन होती हैं बच्चे को अपमानित करने के कारण होने वाले मानसिक रोग







नोटहोम्योपैथी में रोग के कारण को दूर करके रोगी को ठीक किया जाता  है। प्रत्येक रोगी की दवा उसकी शारीरिक और मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग  होती हैं। अतः बिना चिकित्सकीय परामर्श यहां दी  हुई किसी भी दवा का उपयोग  करें। रोग और होम्योपैथी दवा के बारे में  और अधिक जानकारी के लिए यहां लॉग इन  कर सकते हैं।

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