Monday, September 18, 2017

कॉर्न्स और होम्योपैथी

                    कॉर्न्स और होम्योपैथी





अक्सर कुछ लोगो को पैर के तलवे (नीचे का भाग),उँगलियों में गोल कड़क सी गठान जैसी हो जाती हैं, जिसे गोखरू, कॉर्न्स (corns), कील, गट्टे, callus आदि कहा जाता हैंइसमें पीड़ित व्यक्ति को चलने-फिरने में तकलीफ होती हैं, दर्द होता हैंपैर जमीन पर रखने में दर्द होता हैंये एक के बाद एक होती जाती हैं



कारण....


स्किन पर बार-बार प्रेशर पड़ने के कारण कील की तकलीफ होती हैंअधिकतर लोगो को जूतों के कारण होता हैंवैसे होम्योपैथी के अनुसार कील की समस्या सायकोटिक मियास्म के कारण  होती हैं 



प्रकार ....

ये 2 प्रकार का होता हैं .... सॉफ्ट और हार्ड
सॉफ्ट कॉर्न्स पैर की उँगलियों के बीच में अधिकतर होते हैं, लेकिन हार्ड कॉर्न्स उँगलियों के उपरी भाग पर होते हैं

   

होम्योपैथिक मेडिसिन ....


होम्योपैथी से कील की समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती हैं, और दुबारा नहीं होती हैं   हां ठीक होने में थोडा समय अवश्य लगता हैंजानकारी के लिए कुछ मेडिसिन के नाम बता रही हूँ ....


साईंलिसिया (SILICEA), एन्टिम-क्रूड (ANTIM-CRUD), हिपर-सल्फ(HEPAR-SULPH), इग्नेसिया (ING), फेरम-पिक(FERUM-PIC)




नोट-  होम्योपथी में रोग के कारण को दूर करके रोगी को ठीक किया जाता है। प्रत्येक रोगी की दवा उसकी पोटेंसी, डोज आदि उसकी शारीरिक और मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना चिकित्सीय परामर्श के यहां दी हुई किसी भी दवा का उपयोग न करें।

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